Anjali Sharma
Literary Colonel
AUTHOR OF THE YEAR 2019 - NOMINEE

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बचपन से ब्रज भाषा और हिंदी सुन पढ़कर बड़ी हुई। हिंदी, माँ की बोली, मातृभाषा की प्रेमिन हूँ। मेरे अन्य लेख ब्लॉग पर देखें www.thoughtpuree.com

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भरी तिजोरी की रखवाली को डरकर सेठजी न सोते हैं फटी जेब वाले मतवाले तारों के नीचे चैन से सोते हैं

होता है जादू टोना मानो या न मानो किसी की निगाह तो किसी के व्यवहार में कर लेते हैं सबको मीठी बोली से अपना हर लेते हैं मन सौम्य सरल सच्चे व्यक्तित्व से।

तिनका तिनका जोड़ के चिड़िया बनाए नीड़ नन्हे नन्हे कदमों से पा जाए जहां मन धीर

सेहत और नशे का कोई मेल नहीं ज़िन्दगी कीमती है, कोई खेल नहीं

रोता वो है जो पीड़ा, संवेदना महसूस करता है, दबे हुए आंसू अक्सर क्रोध आक्रामक रूप ले लेते हैं।

जो समाज स्त्रियों के शोषण पर चुप रह जाता है, वो बिन फेरों के बंधन पर सबसे पहले उंगली उठता है।

नश्वर जीवन में ऐसे हों हर मानुष के काम श्राद्ध बिन भी तर जाएं, लें सब श्रद्धा से नाम

जीवन है रंगमंच और विधाता रचता समस्त सृजन कठपुतली का नृत्य, नियंत्रित धागों से मनुष्य जीवन|

बेटी बहु बहन मां गृहलक्ष्मी दुर्गा स्वरूप कहलाई सर्वस्व न्यौछावर करके भी, रही फिर भी परायी।


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