कुछ तो गुमान चाँद को भी होगा,
आखिर करोड़ों की नजर जो उस पर टिकी है,
हम तो यूँही बदनाम हुए हैं,
ये बैरी चाँद भी कुछ कम नहीं।
न्याय का पथ नहीं आसान,
रहना पड़ता तब सावधान,
जब सच भी झूठ बन जाये,
देना होगा सभी.. का ध्यान
उमा वैष्णव
भीड़ चाहे कितनी भी हो,
हम अपनों को ढूंढ ही लेते हैं।
Uma vaishnav
जीना हैं तो,
गुलाब बनकर जीयो,
जो कांटों के बीच भी,
अपनी खुशबू फैलाता है
Uma vaishnav
शिक्षक एक पेड,के समान हैं
जिसकी जड़े ज्ञान और,
फल उसके विद्यार्थी होते हैं
किताबी शिक्षा तब तक याद रहेगी,
जब तक आप पढ़ते रहेगें,
किन्तु कुछ सीखा हुआ,
आजीवन आपको याद रहेगा।
सिर्फ किताबें पढ़ने से सफलता हासिल नहीं होती,
अगर कुछ बनाना है, तो सीखने पर जोर डालो।
पैसा हो या समय सोच समझ कर ही खर्च करना चाहिये