Nandini Gupta
Literary Captain
15
Posts
2
Followers
0
Following

I'm Nandini and I love to read StoryMirror contents.

Share with friends

तू जो कर खुद मन पर जय तो फिर कैसे ना हो दुनिया में विजय

तू जो कर खुद मन पर जय तो फिर कैसे ना हो दुनिया में विजय

हे चन्द्र, कैसा तुमने खुद को बनाया । अंधेरे में प्रकाश और गर्मी में शीतल छाया।।

हे चन्द्र, कैसा तुमने खुद को बनाया । अंधेरे में प्रकाश और गर्मी में शीतल छाया।।

स्वतंत्रता की अहमियत तब तक नहीं समझी जा सकती जब तक कुछ पल कैद में ना गुज़रे हों।।

स्वतंत्रता की अहमियत तब तक नहीं समझी जा सकती जब तक कुछ पल कैद में ना गुज़रे हों।।

तू क्या खुद को लेखक कहता है, नासमझ। लेखक तो वो ऊपर वाला है जिसने हम सब की कहानी लिखी है।।

तू क्या खुद को लेखक कहता है, नासमझ। लेखक तो वो ऊपर वाला है जिसने हम सब की कहानी लिखी है।।

बाहरी सफलता से ज्यादा जरूरी है अंदरुनी सफलता।।


Feed

Library

Write

Notification
Profile