अरमानों का गठ्ठर बांध दिया
सपनों को अब मसल दिया
इक़रार की बात क्या करुं
ख़ुद को ही अब राख कर दिया।।
©नेहा यादव
पैसा जरूरी है जरूरत के लिए,
आत्मसम्मान जरूरी है;
स्वयं के सुकून के लिए।।
©नेहा यादव
हारे भी तो तेरी बाहों में;फिर
जीतने का हुनर ही भुला बैठें।।
नेहा यादव
हारे भी तो तेरी बाहों में;फिर
जीतने का हुनर ही भुला बैठें।।
नेहा यादव
समेट लो मुझे बाजुओं में,
एक आह दुबक जाएगी,
अधर स्पर्श से तेरे प्रियतम,
मेरी रूह सिहर जाएगी।
हम कोई शायर नही दिल की बात,
चंद लफ्जों से बयां कर देंगे।
नेहा यादव
एक सफर चलते चलते,
हम इस कदर बेखर हो गए,
दिल की बाते लिखने के लिए,
कलम से मेहर हो गए।।
नेहा यादव
परख सको को तो,
चेहरा नही दिल परखो,
देखा है सुंदर चेहरे ही,
जिंदगी तबाह करते हैं।।
नेहा यादव
हर तरफ एक आग है,,
कहीं लौ बन के,
कहीं जलन बन के।।
नेहा यादव