अन्नदान भूखे को भोजन करवाएं चलो थोड़ा पुण्य कमाएं देकर अन्न का महादान क्षुधा अग्नि को शांत कराएं ✍️ मैत्री मेहरोत्रा 'मैत्री'
दिल में यदि गुबार भरा हो तो विचार दृष्टि धुंधला जाती है फिर कुछ भी साफ नहीं दिखाई पड़ता और यदि मन साफ हो दूसरों की ग़लती भी दुख नहीं देती है। -मैत्री
गर्भ में पनपा बीज तैयार है सृजन के लिए,निर्माण के लिए,नये रहस्यों को समक्ष प्रस्तुत करने के लिए।फिर चाहे गर्भ भविष्य,समय, पृथ्वी अथवा मनुष्य किसी का हो। ✍️ मैत्री मेहरोत्रा 🌹
बहुत कठिन दौर है यह आंख से आंसू निकल जाते हैं मन को बहुत समझाते हैं चलो हम तुम्हारे लिए मुस्कुराते हैं। ✍️ मैत्री मेहरोत्रा