Navneet Gupta
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लोनिवि उप्र लखनऊ मुख्य अभियंता पद से सेवानिवृत्त

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हरपीस ~ कितने ही तरह के दर्दों से रूबरू कराती है। है ना अजीब सी वाईरल स्किन डिसीज।

संघर्षों पर विजय कितना समय ले सकती है, रामलला से महसूस की जा सकती है॥

घमंडी ताकतवर किसी से नहीं रुकता~ ना धर्म से~ ना राष्ट्रीयता से ~ ना आस्थाओं से वो चाहे मानव हो या जानवर!

Buy 1 Get 1 free It was all time thing When we get TWiN from belly Some times we get 2 free

प्रेम की पराकाष्ठा देखी~हर कोई उस का दीवाना हो गया! कर के तो देखें!

कुछ बड़ा करना है~ तो घर और रिश्तों से बाहर निकलो॥ रास्ते बन जायेगें॥

जज़्बा, आत्मविश्वास और कुछ सामर्थ्य ही काफ़ी है __ कुछ भी कर गुजरने को! पेट भरने के सिवा भी __

कैरियर पसन्द वो सब, शायद नहीं चाहते उनके बाद उनसे कोई उनका/उनकी इस जमीं पर पैदा हो॥ आने वाले कल की तस्वीर ॥

वो कल्पनायें ही होंगी, जो शब्दों में कहीं लिखी गयी॥ बाद में विश्वास और आस्था बनीं॥ आज धर्म, सम्प्रदाय, मठ।… एक दूसरे से बैहतर कहने की होड़ .. फिर कभी कभी हिंसा!


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