I think it's not me. It's emotion of my soft ❤. Love u humanity.
Share with friendsगलतियों को अपनी तुम शूल बना लो शूलों को उन्ही अपने सीने में चुभा लो ठहरने ना पाए चंचल मन बीच राह में आत्मबल से अपने अंबर को झुका लो
हुस्न और वफा एक साथ नहीं मिलते, जमाने से सुनता आया था! शुक्रिया तुम्हारा ऐ मेरे सनम, तुम आए जिंदगी में यकिं दिला गए!
कोई ना पूछे हमसे ईस रत-जगे का राज, "कि ले गया हरजाई मेरी नींद रकीब की बाहों में चैन से सोने को! छोड़ दी ये काली स्याह रात हमारे हिस्से में रात भर याद कर रोने को! रमाशंकर
तुम्हारी याद जब गुजरती है हद से , थोड़ा मुस्कुरा लेता हुँ और उठने वाले सारे दर्द मेरे दिल के, सीने में दबा लेता हुँ देता हुँ सख्त हिदायत ईन आँखों को रोक लो सैलाब सारे कुछ ईस तरह से दिलबर दिल के सारे दर्द छुपा लेता हुँ। रमाशंकर
वो कैसा सूरमां होगा जिसने पहली दफा दिल को इश्क का रोग लगाया होगा! लपक के छू न ले तख्तो ताज कहीं इंसानी फितरत की बेदायरा ख्वाहिशें! ऐसा कोई कौफ कभी खुदा के जेहन में आया होगा! तभी खुदा ने इश्क जैसा लादवा रोग बनाया होगा! रमाशंकर