# होश
हुस्न की चारदिवारी में है होश
हम वो अन्धे है जो खुद अन्धे हुए है
जानते है हम
अक्ल के कनस्तर है हम
उनकी कोई क्या बिगाड़े
जो खुद अन्धे बने हुए है
सिर्फ मेरे दुनिया मे आने का सबब नही हो
दुनिया में जीने का सबब भी हो
होते होंगे दुनिया में रिश्ते बहुत
सिर्फ प्यार ही देते हो
यही इस रिश्ते की इंतहा है