I am not yet ended
My success is just postponed
Shobhit
I am not yet ended
My success is just postponed
Shobhit
रिश्तों की पोटली अब कुछ यूँ बनती है,
कि जो साथ आये तो स्वागत वर्ना बग़ावत |
खुदा को कुछ कह कर करना क्या है,
जो भी हो रहा है उसकी ही तो कजा है।
सब सहेंगे पर फिर भी खिलते रहेंगे,
आखिर मेरे को भी तो उसने ही रचा है।
शोभित
बस बहुत हुआ लिखना लिखाना, हमने छोड़ दिया इन गलियों में आना।
चेहरे पे हँसी और आँखों में नमी,
ख़ुशियों का मेरी हिसाब ना लो,
भीग रहा हूँ गमों की बारिश में,
थोड़ी सी कोई छांव ही दो!!
शोभित
A Book everyday, Keeps boredom away...