Kamlesh Ahuja
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प्रेम के पल हो जाएं और भी कुछ खास, घुल जाए इसमें,गर चॉकलेट की मिठास। कमलेश आहूजा

प्रेम के पल हो जाएं और भी कुछ खास, घुल जाए इसमें,गर चॉकलेट की मिठास। कमलेश आहूजा

प्रेम के पल हों जाएं और भी कुछ खास, घुल जाए इसमें,गर चॉकलेट की मिठास। कमलेश आहूजा

वैभव की अंगड़ाई में जो आँख खोलते, वो फटी जेब वालों के साथ रिश्ता नहीं जोड़ते। कमलेश आहूजा

जब से 'बिन फेरे हम तेरे' का खुमार युवाओं पे छाने लगा है, तब से हमारी संस्कृति पे मानो खतरे का बादल मँडराने लगा है। कमलेश आहूजा

तेरी ही कोख से,मैं माँ जाई हूँ, हर मुश्किल में तेरे साथ आई हूँ। प्यार करती तू मुझे बेटे से ज्यादा, फिर भी मैं तेरे लिए पराई हूँ। कमलेश आहूजा

कब तक बेटियां यूँ दहेज की बली चड़ती रहेंगी, कब तक बलात्कार का शिकार होती रहेंगी। कब खत्म होगा सिलसिला ये आत्याचार का, कब तक सीता की अग्निपरीक्षा होती रहेगी कमलेश आहूजा

अपनी मर्जी से वो हमें हंसाए, अपनी मर्जी से वो हमें रुलाए। हम हैं कठपुतलियां ऊपरवाले के हाथों की, जब जैसा चाहे वो हमें नचाए। कमलेश आहूजा

बेटे की चाहत में यहाँ, गर्भपात कराते लोग। एक ओर करते कन्या पूजन, तो दूसरी ओर,कोख में बेटी की हत्या करवाते लोग। कमलेश आहूजा


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