homosapien |physics student | writer | poet
चारो तरफ जिसकी खूबसूरती का बवाल था सुनने में आया है ,वो बस उसके मेक अप का कमाल था।
तारीफे जब भी ज्यादा होने लगती है मेरी, नब्ज़ पे हाथ रख देख लेता हूं जिंदा हूं की नहीं।
ना जाने कितनी मौते रोज मरता हूं, तुम महज एक मौत से खौफजदा हो गए।