I am here to read and write. To get love of readers. To explore different genres.
Share with friendsप्रकृति से रुबरु हों, चल वादियों से गुफ़्तगू करें। मस्त हवा का निर्मल झोंका, देख पेड़ों के लहराते डाल हमसे कुछ कहे। -Kajol
।।इश्क़ करने वालों की बात ही निराली है..कि जरुरत नहीं पड़ती उन्हें हर व्क़त पास रहने की.. दूर हो चाहे कितने भी आँखों में एक ही चेहरा बसता है ।।