I'm Ruchi and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsआगे बढ़ रहा हू या सब छूट गया पीछे इस वजूद को बनाने मे तन्हा सा हू कुछ पाया या नहीं ये जानता नही पर आज भी ख़ुश याद करके अपने बचपन को हू...
सब भूल गये है मुझको ये मान लेता हू याद उनको भी तो मै कहाँ करता हू दिखाना चाहता हू की गुम हू मै आस्मां को छूने मै मगर ये मुझको पता है की कितना अकेला हू मै उस बादल मै
तुमने ही तोड़ा है दिल मेरा फिर भी तुमसे ही मिलना चाहता है सच कहते है लोग मेरी बरबादियों की वजह तुम हो
ऐसा कुछ भी नही जो मै करता हू, अपनी खुशी के लिये... फिर भी सब कहते है की खुदगर्ज हू मै, जीता हू सिर्फ खुद के लिये
मै अब फना हो जायूँ तुझमे बस यही ख्वाहिश है मेरी ना मै रहू, ना ये रूह मेरी और ना इस दिल मै हो कोई धड़कन जो हो ना तेरी
कहने को तो पापा घर के काम नही करते पर जब देखो घर भी पूरा है वो ही भरते कभी दोनों हाथों मै भी सामान उनके पूरा नही पड़ता तब भी हमें कुछ उठाने को नही कहते बस एक मुस्कान से है यही कहते रहने दो तुम थक जाओगे मै कर दूंगा..