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लोगो को अक्सर चांद में दाग दिख जाता है, पर सूरज की कुर्बानी किसी को याद नही रहती ।
तलवार क्यों चुनते हो, कलम चुनो तुम। तलवारो ने तो सिर्फ़ इतिहास रचा है, गवाह बना है कलम ,गवाह बना है कलम।।