कुछ अलबेली सी उनकी हरकतें
कुदरत का कोई कमाल है,
जीत जायें कोई कैसे उनसे
अब हर इन्सान का ये सवाल है।
कुछ गलियां आज भी
इस फ़िराक़ में बैठी है..
के वो आयेंगे और हमें उठायेंगे,
मगर अहसोस इस बात का है..
वो आज भी अपने कमरे में
आराम से सोये हुए है।
कुछ जज़्बात ऐसे होते
जिनकी हमेशा कदर करनी चाहिए,
वरना वे गदर मचाते है, बागी बन जाते है।
छोड़ दिया उन राहों पर चलना,
जिन राहों पर उनके
कदमों के निशान आज भी दिखाई देते है।