एक प्रेमवेडा कवी
हम लेखक तो नहीं है पर लिखने का शौक रखते है उतने मासूम भी नहीं है जितने शकल से दिखते है और कोन, कहा, कब बदल गया हम सबका हिसाब रखते है _ युवराज डाखोरे