लिखा जब भी लिखा कई गुना लिखा लिखा जो लिखा तुझको बेगुनाह लिखा लिखकर भी तुझको लिख न सके और खुद को हर बार बुरा लिखा..... #अंजान....
इक उम्र गुजरी दौर गुजरा जाने क्या क्या गुजरा है एक नही गुजरा तो तेरी यादों का मंजर इन आँखों के आगे से नही गुजरा...... #अंजान......
इक उम्र गुजरी दौर गुजरा जाने क्या क्या गुजरा है एक नही गुजरा तो तेरी यादों का मंजर इन आँखों के आगे से नही गुजरा...... #अंजान......
गिले शिकवे बोहत है जिंदगी मे चल इनका इलाज करते हैं गले लग जा जिंदगी इक नई शुरुआत करते हैं... #अंजान....
जब भी वो याद आता है, यादों का एक सिलसिला सा चल जाता है, जाने कौन सा मलाल होता है और अंजान मुस्कुराता है..... #अंजान....