गणेश नेगी
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हिंदी मेरे लिए सिर्फ भाषा ही नहीं, मेरी पहचान भी हैं

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आम का पेड़ अपने फलों को चाहे या ना चाहे उसे अपने आमो को पालना ही पड़ता हैं वो उन्हें चाह के भी अलग नहीं कर सकता पर जो आम गिर जाते हैं किसी प्रकृति वजह से वो या तो खुद अपने वजूद को बना लेते हैं या मिथ जाते हैं पर पीछे मुड़ कर रोते नही हैं।


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