Rohit Vyas
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हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए आज यह दीवार परदों की तरह हिलने लगी शर्त ये थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर में, हर गांव में हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए मेरे सीने मे https://gurukul99.com/motivational-poems-in-hindi

Motivational Poem in Hindi by Jaishankar Prasad सब जीवन बीता जाता है धूप छांव के खेल सदॄश सब जीवन बीता जाता है। समय भागता है प्रतिक्षण में नव अतीत के तुषार कण में हमें लगा कर भविष्य रण में आप कहां छिप जाता है सब जीवन बीता जाता है। Read more at https://gurukul99.com/motivational-poems-in-hindi


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