यद्धपि किसी के लिये भी भावों को व्यक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम लेखनी है, परन्तु मेरे सरीखे अन्तर्मुखी व भावना प्रधान व्यक्तियों के लिये लेखनी एक वरदान है। कभी-कभी मैं कविता एवं लेख के माध्यम से अपने भावों को अंकित करती थी जिसमें से कुछ प्रकाशित हुईँ। कम्प्यूटर क्षेत्र में कार्यरत रहते हुए... Read more
Share with friendsआशा ही निराशा की जन्मदात्री है। आशा पूर्ण न होने पर ही निराशा का जन्म होता है। न आशा करें, न निराशा के शिकार हों।।