मेरी आँखों में काव्य है मेरे शब्दों में काव्य है मेरे व्यक्तित्व में कवित्व है । मेरी कविताओं में मेरा व्यक्तित्व है, मेरे विचार है मेरा व्यक्तित्व ही स्रोत है काव्यमयी गंगा का ।
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