BHABAGRAHI TRIPATHY
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संपत्ति के उत्तराधिकारी एक से ज्यादा हो सकते हैं...!! लेकिन कर्म के उत्तराधिकारी हम स्वयं ही होते हैं..... ✍️ Bhabagrahi Tripathy

अचानक एक मोड़ पर सुख और दुःख की मुलाकात हो गई ..दुःख ने सुख से कहा तुम कितने भाग्यशाली हो जो लोग तुम्हें पाने की कोशिश में लगे रहते हैं....सुख ने मुस्कराते हुए कहा :-भाग्यशाली मैं नहीं तुम हो दुःख ने हैरानी से पूछा :-"वो कैसे ? सुख ने बड़ी ईमानदारी से जबाब दिया :- वो ऐसे कि तुम्हें पाकर लोग अपनों को याद करते हैं..लेकिन मुझे पाकर सब अपनों को भूल जाते हैं 🙏


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