I'm Kamal and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsथका हारा बिस्तर पे पड़ा खुदसे मासूमियत जता रहा हू... आंखे खुली ना जाने किस कोने पर टिकी सी है उसे ना मै देख पा रहा हू... ना जाने किन खूबसरत बातो को मन मे सजाए उनपे ही ध्यान लगा रहा हू मन ही मन बस मुस्कुरा रहा हू...