रिश्ते निभाने के लिए दिमाग की चतुराई नहीं,दिल की सफ़ाई जरूरी है। साफ कहो,स्पष्ट कहो। अपना हुआ तो समझेगा पराया हुआ तो छोड़ेगा।
”हो नयी आशाओं का सवेरा,
फैले चारों ओर उमंग।
उड़ती रहे खुशियों के आसमां में,
आपके उम्मीदों की पतंग।।"
आप सभी को मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏🌹🌹