हर कदम ऐसे रखो कि मंजिल नजदीक आ जाये... नहीं तो कई बार विपरीत दिशा में रखा हुआ कदम हमें मंजिल से और दूर कर देता है... दिनेश कुमार जैन "आदि"
स्वयं को अच्छा बनाने का प्रयास करो... पूरी दुनियाँ को अच्छा बनाना बहुत मुश्किल है, जो स्वयं अच्छा होता है उसके लिए पूरी दुनियाँ अच्छी हो जाती है...
अच्छाई करते रहो तब तक, जब तक कि सब आपसे न कह दे, और कितना अच्छा बनोगे, अच्छाई करते करते नुकसान भी हो सकता है और अपमानित भी होना पड़ सकता है...अच्छाई करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए...क्योंकि अच्छाई करने वाले अच्छा ही होता है