हिंदी लेखिका
रिश्तों की अलगनी पर टँगी है कुछ भावनाएं बिखरी सी तितर-बितर तह करके रखा जाता तो सम्भवत रिश्तों में सलवटें नही आती
जिंदगी से चंद लम्हे चुराकर चुटकी भर खुशियाँ सजाकर निकली हूं मौत से लड़ने जिंदगी भी कैसी जंग है।।