नमस्कार! मेरा नाम संध्या मेहंदीरत्ता है। मैं एम. एस. सी, बी. एड हूं। बचपन में कभी - कभी शायरी लिखती थी। फिर समय बीतता चला गया और लिखने के बारे में सोचना छोड़ दिया। पर लिखने का जज़्बा और मन अभी भी जिंदा था, इसिलए जब भागती जिंदगी से कुछ समय मिला तो फिर से दिल के अरमानों को पन्नों पर लिखना शरू किया।... Read more
Share with friendsNo Quote contents submitted.