मेरी दृष्टि में मुझ में और मेरी किस्मत में यही जंग रहती हैं मैं उसके फैसलों से और वह मेरे हौसलों से दंग रहती हैंl deepa saini
माना कि मैं गिनती ओं में नहीं आती भले ही मैं जीरो हूं 0 हूं पर मेरा स्वभाव ऐसा है कि मैं दूसरों की कीमत बढ़ा देती हूंl deepa saini
standard मैं रहने वालों से कह दो कि जहां उनकाstandard गिरता हो वहां हमstand भी नहीं करतेl deepa saini
माना कि मैं थोड़ी सी पागल हूं पर यह उपाधि भी अच्छी है क्योंकि मेरे इस पागलपन से ना किसी को ठेस पहुंची हैं ना किसी का दिल दुखा है और ना कोई बुरा मानता',अच्छी उपाधि हैं दीपा सैनी
ना देखने की मुरीद हूं ना दिखावे की मुरीद हूं मुझ जैसा कोई दूसरा नहीं इसीलिए मैं बस अपनी मुरीद हूंl deepa saini