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Share with friendsचाहते तो हम हैं अब भी प्यार निभाना पर उस शख्स का मुझसे सीधे मुंह बात तक ना करना यह सोच बना गया कि उनके टेढ़े मुंह से अब क्या ही मुंह लगाना, इश्क कोई उंगली तो है नहीं कि सीधी से ना निकले तो उंगली टेढ़ी कर ली।
अपनी आत्मा की भी सुन लिया कर कहतें हैं बहुत सटीक आवाजें आया करतीं हैं, दिमाग जो उलझन ना सुलझा पाता है आत्मा के पास उसका लाजवाब जवाब होता है।