shaanvi shanu
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चाहते तो हम हैं अब भी प्यार निभाना पर उस शख्स का मुझसे सीधे मुंह बात तक ना करना यह सोच बना गया कि उनके टेढ़े मुंह से अब क्या ही मुंह लगाना, इश्क कोई उंगली तो है नहीं कि सीधी से ना निकले तो उंगली टेढ़ी कर ली।

अपनी आत्मा की भी सुन लिया कर कहतें हैं बहुत सटीक आवाजें आया करतीं हैं, दिमाग जो उलझन ना सुलझा पाता है आत्मा के पास उसका लाजवाब जवाब होता है।

मन की स्थिरता कभी कभी जीवन की गुत्थियां सुलझाता है! @शानवी

आप फिर से प्यार की शुरुआत कीजिए जिंदगी की जिंदगी से मुलाकात कीजिए


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