महबूब की बातों में बिछुडने के इशारे थे आंखों में उनकी गम और मजबूरीयो के साये थे, लगता है रोए थे बहुत दिल तोड़कर अपना वरना मोहब्बत में यूं बेवफाई का इल्ज़ाम न थे,
दिल का एक टुकड़ा खाली सा है जिंदगी में छाई एक ख़ामोशी सी है तू चला गया है जानते हैं हम पर तेरे लौटने की एक उम्मीद सी है