दफन करके दर्द अपना,दर्द में ही जी लेते हैं
हमदर्द नहीं कोई,दर्द आसुओं का पी लेते हैं
ना शिकायत ना आस है
ना जाने क्यों ये प्रयास है
दिल को है तलाश तुम्हारी
कैसा दिल का ये त्रास है
कान्हा की अधरों की मुरली,मीरा सी मैं धुन गाउँ
दिल में तेरे प्रेम बसे सिर्फ,तेरी जोगन मैं बन जाऊँ
प्रेम से बस एक बार तो,प्रेम की धुन को बजाओ
हृदय में बसा लूँ तेरा प्रेम,तुझसे मैं यही मन चाहूँ
तू हर साँस में तू हर बात में
दिल में बसते जज्बात में
प्यार के जहाँ की खूबसूरती है तुमसे
तू ही है दिल के कायनात में
तू है तो जिंदगी में सब कुछ सही है
ना हो तो जिंदगी में कुछ भी नहीं है
शिवशंकर ,भोलेनाथ ,महादेव कई नाम से पूजे जाते,
सुमिरन कर के लोग सभी गुणगान महादेव का गाते।
हे भोले भंडारी सब पे कृपा करो हे जग बलिहारी -
महिमा उनकी ऐसी अलौकिक श्रद्धा से सब शीष नवाते।।
ममता रानी