वो मिली तो बेजान खड़ा रहा सांसों में हलचल ना हुई उसने तो कह दिया के तुझमें अब वो सिसक नहीं रही उससे लगाव था महज, इश्क नहीं था, तो ये हाल हुआ उसने तो कह दिया सूर्या शब्दों में वो कसक नहीं रही
वो मिली तो बेजान खड़ा रहा सांसों में हलचल ना हुई उसने तो कह दिया के तुझमें अब वो सिसक नहीं रही उससे लगाव था महज, इश्क नहीं था, तो ये हाल हुआ उसने तो कह दिया सूर्या शब्दों में वो कसक नहीं रही
कितने खास हो तुम ये जताना जरूरी है क्या,, मेरी हर शायरी में महोब्बत हो तुम.... ये बताना जरूरी है क्या...!!
कभी बेपनाह महोब्बत, तो कभी बेशुमार बेरुखिया... इश्क में जो भी मिलता है साहब , बेमिशाल मिलता है...🫂💌💝
नहीं आता मुझे यूं तुमसे दूर रहकर सुकून से रहना..!! हम तो हर पल तुम्हें देखने की ख्वाहिश रखते हैं...!
Not those who speak the same language, but those who share the same feeling understand each other. एक ही भाषा बोलने वाले नही, बल्कि एक ही भावना रखने वाले एक दूसरे को समझते है।
कभी आऊँगा तेरे घर किसी बहाने से, मुझसे मिलने को बाहर तुम आओगी क्या.. तेरे हाथ की चाय पसंद है मुझे, पर तुम खुद बनाकर मुझे पिलाओगी क्या.. !! 🍵👈😊
जहां *ईश्वर* की सहायता होती है वहां व्यक्ति समय, स्थान, शरीर, मन और बुद्धि की अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों की सीमाओं को पार कर असंभव चीजों को भी *संभव* बना देता है.!! हर-हर महादेव 🚩