Harish Bhatt
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Jaisa mahsus karta hoo, waisa likhta hoo.

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अनकही रह गई कुछ बाते और बदल गई जिंदगी की राहें. -हरीश भट्ट

सच पूछो तो जो मजा पत्र-पत्रिकाओं को पढ़ने में आता है वह इंटरनेट पर सोशल साइट्स में कहां?

सच पूछो तो जो मजा पत्र-पत्रिकाओं को पढ़ने में आता है वह इंटरनेट पर सोशल साइट्स में कहां?

वक़्त की नजाकत समझ न आई और जिद यह कि सब कुछ पता है.

दो गज की दूरी के कई फायदे हैं जैसे कानाफूसी नहीं होगी और हर काम में पारदर्शिता बनी रहेगी.

हम भी थे दीवाने, मुहब्बत की तेरी लेकिन दम तोड़ गए अरमान मेरे उलझ कर तेरी काली जुल्फों के साये मे

दूसरों के कंधों पर उछलने से अच्छा है अपने पैरों पर रेंगना.

दूसरे के कंधो पर उझलने से ज्यादा बेहतर है अपने पैरो पर उचकना।

इंसान की क्या कहें यहां तो चांद भी बेदाग नहीं है.


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