विजय कुमार टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड. शिक्षा : एम. कॉम और एम. ए. पसंद – कविताएं लिखना, पढ़ना, घूमना, और कुकिंग प्रकाशित कृतियां – 1– मेरे विचारों का काव्य रुप (एकल काव्य संग्रह) 2 –कवि की कल्पना कलम से पन्नों तक – साझा काव्य संग्रह 3 – माता –पिता – साझा काव्य संकलन आने वाली कृति – सोच से शब्द रूप... Read more
Share with friendsजिंदगी रूकी पड़ी है बहुत मुश्किल की यह घड़ी है सांसों की कीमत पूछो उस इंसान से जिसकी सांसे उखड़ी पड़ी हैं सोचा ना था कि इक दिन ऐसा भी आएगा एक-एक सांस लेने के लिए पैसा भी काम ना आएगा।
खुशबू कि तरह मेरी हर सांस में प्यार अपना बसाने का वादा करो.. रंग जितनी तुम्हारी मोहब्बत के है मेरे दिल में सजाने का वादा करो.