Shashi Tiwari
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जीवन के ताने बाने में, हम उलझे हैं सब सुलझाने में। खुद के वजूद को भूल, खोए हैं अपने बेगानों में। अब तो जरा ठहर जाओ, अंतर्मन में झांको तुम। कहीं देर न हो जाए , खुद से खुद को मिलवाने में।

माना कि बहुत मशरूफ हैं आप आजकल , पर आपके कुछ वक्त पर हमारा भी अख्तियार है। वक्त तो हमारा भी कीमती है मगर , हम उनके लिए वक्त निकाल ही लेते है जिनसे हमें प्यार है।

हर किसी में कुछ न कुछ खास बात होती है, बस उसे परखने वाली नज़र होनी चाहिए।

अपने और पराए की अब , परिभाषा बदल गई है। अक्सर जो घाव कोई अपना दे जाता है, उस पर मरहम कोई पराया ही लगा जाता है ।

सबकी नजरों में सही रहने की कोशिश न कर , यहां तो ईश्वर को भी लोग कटघरे में खड़ा करते हैं। शशि तिवारी

बताने पर तो दिल की बात, सभी समझ जाते हैं। बिना बताए भी जो समझ जाए वही तो सच्चा दोस्त है।

खुशियों में तो सभी रिश्ते करीब होते हैं, सच्चे रिश्ते तो गम में ही आजमाए जाते हैं।

जिंदगी हर पल हँसाए, ये जरूरी तो नहीं। गम भी आते रहते हैं , सबक सिखाने के लिए। -शशि तिवारी


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