I'm Shashi and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsजीवन के ताने बाने में, हम उलझे हैं सब सुलझाने में। खुद के वजूद को भूल, खोए हैं अपने बेगानों में। अब तो जरा ठहर जाओ, अंतर्मन में झांको तुम। कहीं देर न हो जाए , खुद से खुद को मिलवाने में।
माना कि बहुत मशरूफ हैं आप आजकल , पर आपके कुछ वक्त पर हमारा भी अख्तियार है। वक्त तो हमारा भी कीमती है मगर , हम उनके लिए वक्त निकाल ही लेते है जिनसे हमें प्यार है।
अपने और पराए की अब , परिभाषा बदल गई है। अक्सर जो घाव कोई अपना दे जाता है, उस पर मरहम कोई पराया ही लगा जाता है ।