Specialist-Nephrology, Max hospital, New Delhi
गिरा ले आंख से कितनी भी तू मेरी क़ुरबत तू तर है मुझमे, दामन से तेरे महकूंगा तेरी ग़ज़ल मे मचलता है मेरा वजूद तू गुनगुनायेगा, लब पर मैं ही महकूंगा