मुझे समंदर का किनारा पसंद है क्योंकि शांति में अपनी उपस्थिति का अहसास कराता है और पहाड़ी भी पसंद है क्योंकि शांत और मौसमी हवा में हम अगर अपने आपको आवाज दे तो हर कोई आपको सूनने के लिए ठहर जाता है। तो बनो समंदर और पहाड़ों जैसे अपनी उपस्थिति को जताने की जरुरत ना पड़े बस आपकी उपस्थिति से मौसम जरूर बदलना चाहिए। पूर्णिमा पाटील (एकलव्य स्वरूप)