I m a teacher.
Share with friendsछट जाएगी निशा की रात,सब्र रख, खुशियां कदम चूमेगी सब्र रख आह्टों के आते भी वक़्त लगता है, मुकम्मल होगा तेरा जहां,सब्र रख। डॉ हेमलता
आदत नहीं थी लिखने कि, तेरी यादों ने कलम थमा दिया, पलके बन्द कर तुझमें खोई थी तेरे इश्क़ ने शायर बना दिया। डॉ हेमलता
काश एक बार तुमसे मिलना होता, शायद मेरे जख्मों का सिलना होता, मुक्कमल जहां नहीं कुछ पल होता उस एक पल में उम्रों का खिलना होता। डॉ हेमलता
दरिया है, तो प्यासा क्यों है, दिल प्यार भरा समंदर ,हतासा क्यों है, ये माना की खुशियां सबको हासिल नहीं, रख हौसला बंदे , रुआसा क्यों है। डॉ हेमलता