" लेखन से अपने मन को संतुष्ट और लेखनी को मजबूत करती हूँ " मैं भारत से Pottery & Ceramic में Masters 1993 ( Faculty of Visual Arts , BHU ) करने वाली भारत की पहली महिला हूँ , कविता , कहानी , लघुकथा ,संस्मरण लेख , हाइकु , कहमुकरी और कोट लिखती हूँ , नैरेटर भी हूॅं ।
Share with friendsसाहस तन से भले ना हो मन से जबरदस्त होना चाहिए तुम्हारे मन के साहस का डर लोगों में भरपूर दिखना चाहिए ।