Mamta Singh Devaa
Literary General
AUTHOR OF THE YEAR 2021-22 - NOMINEE

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" लेखन से अपने मन को संतुष्ट और लेखनी को मजबूत करती हूँ " मैं भारत से Pottery & Ceramic में Masters 1993 ( Faculty of Visual Arts , BHU ) करने वाली भारत की पहली महिला हूँ , कविता , कहानी , लघुकथा ,संस्मरण लेख , हाइकु , कहमुकरी और कोट लिखती हूँ , नैरेटर भी हूॅं ।

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ज़िंदगी का पहाड़ चढ़ती उम्र में हल्का है ढलती उम्र में भारी ।

एहसास के सहारे ज़िंदगी चल रही है नहीं तो कब की बैसाखियों के सहारे हो जाती ।

छोटी सी ज़िन्दगी बड़े-बड़े लफड़े जितना भी सुलझाओ नहीं सुलझते झगड़े ।

प्यार से मिला करो प्यार पर विश्वास बना रहेगा ।

अलविदा मत कहो डर लगता है फिर मिलेंगे कहने से विश्वास जगता है ।

वोट की ताक़त पहचानों अपने अधिकार का उपयोग जानो तुम ही लोकतंत्र हो ये विश्वास मानो ।

सादगी भरा जीवन अगर अपनाओगे जीवन तनावमुक्त पाओगे ।

एहसास अपने होने का जिस दिन हो जाएगा जीवन का अर्थ उस दिन समझ आएगा ।

अभी भी चेतो समय है पृथ्वी हमसे कह रही वृक्ष लगाओ जल सहेजो देखो मैं धधक रही ।


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