ज़िंदगी का पहाड़
चढ़ती उम्र में हल्का है
ढलती उम्र में भारी ।
एहसास के सहारे
ज़िंदगी चल रही है
नहीं तो कब की
बैसाखियों के
सहारे हो जाती ।
छोटी सी ज़िन्दगी
बड़े-बड़े लफड़े
जितना भी सुलझाओ
नहीं सुलझते झगड़े ।
प्यार से मिला करो
प्यार पर विश्वास बना रहेगा ।
अलविदा मत कहो
डर लगता है
फिर मिलेंगे कहने से
विश्वास जगता है ।
वोट की ताक़त पहचानों
अपने अधिकार का
उपयोग जानो
तुम ही लोकतंत्र हो
ये विश्वास मानो ।
सादगी भरा जीवन
अगर अपनाओगे
जीवन तनावमुक्त पाओगे ।
एहसास अपने होने का
जिस दिन हो जाएगा
जीवन का अर्थ
उस दिन समझ आएगा ।
अभी भी चेतो समय है
पृथ्वी हमसे कह रही
वृक्ष लगाओ जल सहेजो
देखो मैं धधक रही ।