"बुरे समय" में भूल जाने वाले और "अच्छे समय" में भुला देने वाले को "समय" भी याद रखता है। कुमार आलोक
कदम बढ़ाने का दम हो तो रास्ते आज भी मंजिल की तरफ ले जाते हैं। कुमार आलोक गोंडवी
कभी खुशहाल, कभी उदास, कभी जीत तो कभी हार होगी,
यह जिंदगी की सड़क है धीरे-धीरे पार होगीl कुमार आलोक गोंडवी