मेरी बचपन से ही हिंदी कहानियों में रुचि रही है। मैंने शोध का विषय भी नवे दशक कीहिंदी कहानियों में नारी का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण लिया था ।आज भी आसपास की स्त्रियो पर लेखन मुझे आत्मिक सुख देता है।
No Quote contents submitted.