I'm रोहित and I love to read StoryMirror contents.
क्या बताऊं तेरे आशिक गली गली में मिलते हैं, मेरे उपवन में भी फूल तेरे नाम से खिलते हैं, इंतजार तो बहुत हुआ है अब तक तो ए प्रियतमा, समय मिले गर तुम्हे कभी तो हम दोनों फिर मिलते हैं. ®रोहित_दांगी_रतलाम_मध्य प्रदेश!!