गिरा ज़रूर हूं मगर हारा नहीं हूं सच्चाई की चमक ज़रा देर से आती है। ठोकर खाकर संभलने की हिम्मत है अभी भी मुझमें बस इंतजार मेरे रब के इशारे का है। गिरकर उठने की आदत डाल लो लोगों कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं... Read more
Share with friendsWritten & Narrated by Arshad Mirza
Written & Narrated by Arshad Mirza
Written & Narrated by Arshad Mirza