जब हम मिलेंगे, मेरी आँखें तुम्हारी आँखों के समंदर में समा कर तुमसे ये बतायेंगी, की मैंने लम्हा तुम्हे कितना याद किया है।
अक्सर खामोश चेहरे के पीछे बहुत शोर छिपा होता है.....जैसे इस रात को ही देख लो......इतना खामोश है.....पर दिन के सारे शोर को अपने अंदर दफन किये हुए।
अक्सर खामोश चेहरे के पीछे बहुत शोर छिपा होता है.....जैसे इस रात को ही देख लो......इतना खामोश है.....पर दिन के सारे शोर को अपने अंदर दफन किये हुए।
यूँ तो सारे काम दिन के उजाले में ही होते हैं, पर रात की ख़ामोशी को महसूस करना भी एक बेहतरीन अनुभव देती है।