पैसा बिना पैर निरंतर चलता रहता । एक बार जो नोट हाथ से निकल जाता वो जीवन में पुन: शायद ही आता ।
# पैसा
पैसा हमारा नहीं
पैसा तुम्हारा नहीं
कर्ममठ जो जितना है
पाया वह उतना है ।
गीत , नृत्य और साज बाज के मेल को संगीत कहते है
माता पिता भाई बंधु ,
बेटा बेटी का संसार ।
सुख दुख मिलकर के बाँटे ,
उसको कहते हैं परिवार ।
चिता जलाये जिंदा लाश ,
चिंता करता जीवन नाश ,
चिंता का कारण अनेक,
पैसा इसमें सबमें एक ।
काम का आरंभ संघर्षमय होता है ।
समाप्ति हर्षमय होता है ।
तथा फल सुखमय होता है ।
* बैर *
सुअर सफाई से बैर रखता तथा मूर्ख और दुष्ट व्यवस्था से ।
* भय *
सबसे बड़ा भय मृत्यु है , यानी भय का अंतिम परिणाम मृत्यु है तथा आरंभ जन्म । भय किसी न किसी रूप में जन्म भर व्याप्त रहता है।
* सफल कुटनीतिज्ञ *
जो देखकर भी नहीं देखे , न देखकर भी देखे ।
जो सुनकर भी नहीं सुने , न सुन कर भी सुने ।
जो सोचकर भी नहीं सोचे , न सोच कर सोचे ।
जो बोलकर भी नहीं बोले , न बोलकर बोले ।
जो किसी पर विश्वास न करे , सब पर विश्वास जताये ।