हम लुटाते रहे वो लूटते रहे , वो खिलाते रहे हम खेलते रहे । कोई समझ ना सका उनके फरेब को, वो फेंकते रहे सब लपेटते रहे ।।
कोरे कागज के पन्नों पर एक राज़ लिख रहा हूं, अपने टूटे हुए ख़्वाबों की किताब लिख रहा हूं। सुना है तुझे पढ़ने का शौक है तो पढ़ जरूर लेना, मैं तेरे दिए हुए हर दर्द का हिसाब लिख रहा हूं।।
भारत के नक्शे पर ये जो हरा निशान है , इसका कारण कोई और नहीं किसान है। तुम से ना मिटेगी इसकी हस्ती सियासत दारों, क्यूंकि ये भारत माता की पहचान है ।
मोहब्बत के दिन मोहब्बत कुछ इस कदर कर गए, महबूब - ए वतन की मोहब्बत में हद से गुजर गए। और जब हम सब लड़ाते रहे इश्क हसीनाओं से, वो मां भारती के आंचल में ओढ़कर कफ़न सो गए ।। पुलवामा शहीदों को शत शत नमन
अगर इश्क है तो चलो इश्क किया जाए , नीरस सी जिंदगी में कोई तो रस भरा जाए । कुछ वादा तुम करो कुछ वादा हम करें, चलो खुद को एक दूसरे के करीब किया जाए।। Promise day
है जो रिश्ता दिलों का उसे टूटने मत देना, साथ हमारा तुम्हारा कभी छूटने मत देना टेडी की जगह हम दिल ही दे रहे तुम्हे , सम्हाल कर खेलना बस टूटने मत देना ।।