फिर वहीं पुराने पन्ने पर लिखा ख्वाब पढ़ रहा था, ऊपर खुदा भी एक- एक दिन का हिसाब कर रहा था।
सपने सपने ही रह गए, तमन्ना को वक़्त बहा ले गया,
आंखे खुली बंद होने के समय, एक पल भी ज्यादा मिल न सका।
- - Shekhar shivam
कब तक इज़हार ए मोहब्बत इंतजार करोगी,
ज़रा मेरी आंखों में देखो
ज़रा मेरी धड़कन को सुनो
बस, आजकल रात को जल्दी सो जाता हूँ
सपने में तुम जो आती हो।
अचानक ख़फ़ा हो गए मुझसे
मेरी ख़ता तो कहा होता
साथ छोड़ गए आधी ही मंज़िल पर
कम से कम अलविदा तो कहा होता।
कुछ देखकर सीखा
कुछ सीखकर देखा
पर तुमने मुझे जो सीखा दिया
वो कभी सीखकर भी नहीं सीखा
काश एक बार धोखा खाने के बाद दिल मे antibody बन जाता
जिससे फिर कभी इश्क ना होता।