SHALINI SINGH
Literary Colonel
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The smell of books and the essence of Unknown.

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अपने घर की बेटियों को बंदिशों की बेड़ी में बाँध आओ चलो जश्न मनायेँ, "आज़ाद है हमारा हिन्दुस्तान"!

आज उस इश्क का जनाज़ा उठाए फिरते हैं, जिसकी सलामति की अरसों से दुआएं मागते फिरते थे!

यह संभव हो सकता है कि वायरस आपको बिल्कुल प्रभावित नहीं करेगा लेकिन आपकी वजह से किसी और को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है। और संदर्भ में, आप कभी भी किसी की जान लेने के लिए खुद को माफ नहीं कर पाएंगे, जब तक कि आप सहज रूप से हत्यारे न हों।

नारी तू 'विषय' नहीं, 'आशय' है!

At 10 she wrote, 'If I were A Doctor' At 25, she is on Storymirror.

हम तो बस तेरी एक नज़र के प्रार्थी हैं, और तुम कहते हो कि ये सारी दुनिया स्वार्थी है!

मेरी प्रकृति को गुरूर है खुद पर, वह तेरी मेहरबानियों का मोहताज नही!

A child is a bliss for unfullfilled souls.

"राम-सिया सबहीं रहे, कहन को वनवास, तुम ओ मानुस फिर काहुं करो 'वनजीवन' का नाश!"


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