एक अध्यापिका ,लेखिका,
खुशी कहीं और नहीं मिलती खुद में ही, छिपी हुई है
वक्त ने हंसकर एक बार हमसे कहा , जरा रुक जिंदगी की दौड़ में ना भाग इधर उधर हमने भी हंसकर कह दिया , रुके तो आप भी नहीं कभी किसी के लिए
वक्त बदलता नहीं साहब वक्त को बदला जाता है सही वक्त पर सही काम करके