Dr Payal Sharma
Literary Lieutenant
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एक अध्यापिका ,लेखिका,

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खुशी कहीं और नहीं मिलती खुद में ही, छिपी हुई है

वक्त ने हंसकर एक बार हमसे कहा , जरा रुक जिंदगी की दौड़ में ना भाग इधर उधर हमने भी हंसकर कह दिया , रुके तो आप भी नहीं कभी किसी के लिए

वक्त बदलता नहीं साहब वक्त को बदला जाता है सही वक्त पर सही काम करके


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