कुछ ऐसे क़रीबी लोगों को जानती हूँ मैं, बहुत अच्छे से पहचानती भी हूँ मैं,ऐसे गिरगिटों से डरती नहीं हूँ मैं, वक्त करेगा हिसाब ऐसा मानती हूँ मैं।
तुम जलन बरकरार रखना हम जलवे बरकरार रखेंगे, बारी सबकी आयगी तुम जलना एक कतार में, हम चिंगारी बेहिसाब रखेंगे
जिस तरह ग्लोय की बेल नीम के वृक्ष पर चढ़कर उसके गुणों को संचित कर लेती है उसी तरह अच्छे लोगों की संगत हमें शिष्ठ मनुष्य बनाती है। कृति
ढलती हुई उम्र के साथ खुद को सिथिल नहीं समझना उगता हुआ सूरज जितना सुरम्य होता है ढलता हुआ भी उतना ही मनोहर होता है। कृति
किसके नसीब में क्या लिखा है ये किसी को नहीं पता लेकिन अपनी करनी का फल वक़्त पर मिल जाता है। भगवान पर भरोसा रखें। कृति
ज़िंदगी से शिक़ायतें हों उससे पहले ज़िंदगी को जी लो जिस तरह बहता हुआ पानी अपनी जगह बापस नहीं आता वैसे ही निकला हुआ समय बापस नहीं आता। कृति